आज के समय में बहुत से लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं। चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो या बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए हों, लोन लेना आम बात हो गई है। लेकिन लोन लेने के बाद सबसे जरूरी है समय पर EMI (मासिक किस्त) चुकाना। अगर किसी वजह से EMI समय पर नहीं चुकाई जाए, तो बैंक पेनल्टी लगाते हैं और क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में EMI डिफॉल्ट से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इन बदलावों का असर हर लोन लेने वाले पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो कभी-कभी EMI चुकाने में देरी कर देते हैं। RBI की इन नई गाइडलाइनों का मकसद ग्राहकों को राहत देना है, लेकिन साथ ही बैंकों की वसूली प्रक्रिया को भी पारदर्शी और आसान बनाना है।
अगर आप भी लोन ले रहे हैं या लेने का सोच रहे हैं, तो इन नई गाइडलाइनों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। इससे आप समय पर EMI चुकाने के फायदे और डिफॉल्ट करने के नुकसान को अच्छे से समझ पाएंगे।
RBI New Default Guideline For EMI
RBI ने 15 जून 2025 से EMI डिफॉल्ट पर लगने वाले पेनल इंटरेस्ट (अतिरिक्त ब्याज) को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब कोई भी बैंक या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) लेट EMI पर अतिरिक्त चार्ज या पेनल्टी नहीं लगा सकती। यह नियम सभी प्रकार के लोन—पर्सनल, होम, ऑटो, एजुकेशन, गोल्ड आदि—पर लागू होगा।
पहले अगर कोई ग्राहक EMI समय पर नहीं चुकाता था, तो उस पर 1.5% से 3% तक का अतिरिक्त ब्याज देना पड़ता था। इससे लोन चुकाना और भी महंगा हो जाता था। अब नए नियम के मुताबिक, सिर्फ EMI की मूल राशि और सामान्य ब्याज ही देना होगा, कोई अतिरिक्त पेनल्टी नहीं लगेगी। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत है, जिनकी आमदनी अनियमित है या जो कभी-कभी देरी से भुगतान करते हैं।
नई गाइडलाइन का उद्देश्य और असर
RBI की इस नई गाइडलाइन का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को आर्थिक दबाव से राहत देना है। अक्सर देखा गया है कि लेट EMI की वजह से ग्राहकों पर भारी पेनल्टी लग जाती थी, जिससे उनका बजट बिगड़ जाता था। अब बिना पेनल्टी के, ग्राहक अपनी बाकी EMI आसानी से चुका सकते हैं।
इस बदलाव से बैंक और वित्तीय संस्थानों को भी अपने सिस्टम में बदलाव करना होगा। उन्हें अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म और कस्टमर सर्विस को अपडेट करना पड़ेगा, ताकि ग्राहकों को सही जानकारी और सुविधा मिल सके। साथ ही, बैंकों को अब ग्राहकों के साथ सहयोगी रवैया अपनाना होगा, न कि सिर्फ पेनल्टी लगाना।
EMI डिफॉल्ट के अन्य परिणाम
हालांकि पेनल्टी खत्म कर दी गई है, लेकिन EMI डिफॉल्ट करने पर कुछ और असर जरूर पड़ते हैं। सबसे बड़ा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर होता है। अगर आप समय पर EMI नहीं चुकाते, तो यह जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को भेजी जाती है, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है. इससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
अगर कोई ग्राहक लगातार तीन बार EMI नहीं चुकाता, तो उसका लोन अकाउंट NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित हो सकता है। इसके बाद बैंक कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं, जैसे नोटिस भेजना, रिकवरी एजेंट भेजना या कोर्ट में केस करना। हालांकि, RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों के साथ सम्मानजनक और सहयोगी व्यवहार करें और वसूली प्रक्रिया में पारदर्शिता रखें।
लोन प्रकार | पहले पेनल्टी (EMI डिफॉल्ट पर) | अब (15 जून 2025 के बाद) |
---|---|---|
पर्सनल लोन | 2% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
होम लोन | 1.5% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
ऑटो लोन | 2% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
एजुकेशन लोन | 1% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
गोल्ड लोन | 2.5% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
टू-व्हीलर लोन | 2% ओवरड्यू अमाउंट | 0% |
बैंक और ग्राहक – दोनों के लिए जरूरी बातें
अब बैंकों को अपने सभी पुराने और नए लोन एग्रीमेंट में पेनल्टी से जुड़ी शर्तें हटानी होंगी। ग्राहकों को भी EMI डिफॉल्ट से बचने के लिए समय पर भुगतान करना चाहिए। अगर किसी वजह से भुगतान में दिक्कत हो रही है, तो बैंक से संपर्क कर सकते हैं। बैंक अब ग्राहकों को लोन री-स्ट्रक्चरिंग, ग्रेस पीरियड या अन्य विकल्प भी दे सकते हैं।
अगर आप EMI डिफॉल्ट कर देते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपको नोटिस और रिमाइंडर भेजेंगे। अगर फिर भी भुगतान नहीं होता, तो बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन अब वसूली एजेंट्स को भी RBI के नियमों का पालन करना जरूरी है—वे ग्राहकों से सम्मानजनक व्यवहार ही करेंगे।
यह गाइडलाइन किसके लिए है?
यह नई गाइडलाइन हर उस व्यक्ति के लिए है, जिसने किसी भी बैंक या NBFC से लोन लिया है—चाहे वह पर्सनल लोन हो, होम लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन या कोई अन्य। छोटे व्यापारियों, नौकरीपेशा, फ्रीलांसर, गृहिणी या किसान—सभी को इसका फायदा मिलेगा।
संक्षिप्त जानकारी
RBI की नई EMI डिफॉल्ट गाइडलाइन से अब लेट EMI पर कोई अतिरिक्त पेनल्टी नहीं लगेगी। इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी और वे बिना डर के अपनी बाकी EMI चुका सकेंगे। हालांकि, EMI समय पर चुकाना अब भी जरूरी है, क्योंकि डिफॉल्ट करने से क्रेडिट स्कोर और भविष्य की लोन पात्रता पर असर पड़ सकता है। अगर आप लोन लेने जा रहे हैं या पहले से लोन ले रखा है, तो इन नियमों को जरूर ध्यान में रखें और समय पर EMI चुकाएं, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो।